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Tilak

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1854万 回視聴 ・ 149525いいね ・ 2020/11/23

बजरंग बाण | पाठ करै बजरंग बाण की हनुमत रक्षा करै प्राण की | जय श्री हनुमान | तिलक प्रस्तुति 🙏 भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद।

Ramanand Sagar's Shree Krishna Episode 1 - Beginning of Kalyug period

"श्रीमद् भागवत पुराण की कथा के महत्व व श्री कृष्ण जी की लीलाओं के वर्णन करते हुये रामानंद सागर जी बताते है कि उनका यह धारावाहिक श्री कृष्णा मानव कल्याण के कार्य आये, उनका यही उद्देश्य है।
एक समय ऋषि सुतजी (महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास के शिष्य) श्रीमद् भागवत की दिव्य कथा जो नारद जी ने सनद कुमारों के मुख से सुनी थी, उसी अमर कृष्ण कथा को संसारियों के कल्याण के लिये ऋषि शौनक (भृगुवंशी शुनक ऋषि के पुत्र व प्रसिद्ध वैदिक आचार्य) आदि ऋषियों को सुनाते हैं। कथानुसार एक दिन राजा परीक्षित (अर्जुन के पौत्र अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र) शिकार के लिये जंगल में भ्रमण कर रहे थे। जहाँ उन्हें कलयुग मिलता है और वह अपने आने की कारण को राजा को बताता हैं कि द्वापरयुग काल का अंत हो रहा है तथा कलयुग काल का प्रारम्भ हो रहा है। और अब वह कलयुग अब उनके राज्य में प्रवेश करना चाहता है। राजा परीक्षित उसे बलपूर्वक रोकना चाहते है तब कलयुग उन्हें सचेत करते है कि काल को बदलने को कोई भी रोक नहीं सकता है। इस पर राजा परीक्षित कलयुग को उसके अधर्म के सहायक होने के कारण उसे चार स्थानों में रहने की आज्ञा देते हैं, जहाँ पर असत्य, मद्य, काम और निर्दयता जैसे अधर्म निवास करते है। लेकिन कलयुग इन जगहों को सीमित बताते है जिसपर राजा परीक्षित उसे सोने (स्वर्ण) में भी रहने की आज्ञा दे देते हैं। कलयुग राजा परीक्षित के सोने के मुकुट में जा बैठता है। उसी दिन जब राजा परीक्षित शिकार के लिए भटकते हुये, भूख और प्यास से बेहाल होकर ऋषि शमिक के आश्रम में जा पहुँचते हैं। उस समय ऋषि साधना में लीन थे। राजा उनसे पानी माँगते हैं, परंतु समाधि में लीन होने के कारण वह कोई उत्तर नहीं देते। तभी कलयुग जो कि राजा परीक्षित के मुकुट में बैठा हुआ है वह राजा को मुनि को उनकी आज्ञा ना मानने पर मृत्यु दंड देने के लिये उकसाता है। परंतु राजा अपने आप को यह कार्य से रोक लेते है, लेकिन क्रोध के कारण पास ही एक मरे हुए साँप को ऋषि के गले में डाल कर वहाँ से चले जाते है। नदी में स्नान कर रहे ऋषि शमिक के पुत्र श्रृंगी को दूसरे ऋषि कुमारों से जब ये पता चलता है कि राजा ने उसके पिता का तिरस्कार किया है। इस पर वह क्रोध से पागल हो जाता है और नदी के जल अंजुली में भर कर वह राजा को श्राप दे देता है कि उनकी मृत्यु सात दिन बाद तक्षक सर्प के विष की ज्वाला से भस्म होने से हो जायेगी। श्रृंगी जब वापस अपने पिता ऋषि शमिक के आश्रम आता है तब उसके द्वारा राजा को श्राप देने पर ऋषि अपने पुत्र श्रृंगी को समझाते हैं कि बिना कारण जाने ही उसने इस तरह का दण्ड क्यों दिया। उसने यशस्वी, धर्मपालक राजा को एक छोटी भूल के लिए उसने श्राप देकर बहुत ग़लत कार्य किया है और यह सिद्ध कर दिया है कि कच्ची बुद्धि वाले को कभी भी अधिक शक्ति नहीं देनी चाहिये।"

श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा।

Produced - Ramanand Sagar / Subhash Sagar / Pren Sagar
निर्माता - रामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम सागर
Directed - Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar
निर्देशक - रामानन्द सागर / आनंद सागर / मोती सागर
Chief Asst. Director - Yogee Yogindar
मुख्य सहायक निर्देशक - योगी योगिंदर
Asst. Directors - Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar
सहायक निर्देशक - राजेंद्र शुक्ला / सरिधर जेटी / ज्योति सागर
Screenplay & Dialogues - Ramanand Sagar
पटकथा और संवाद - संगीत - रामानन्द सागर
Camera - Avinash Satoskar
कैमरा - अविनाश सतोसकर
Music - Ravindra Jain
संगीत - रविंद्र जैन
Lyrics - Ravindra Jain
गीत - रविंद्र जैन
Playback Singers - Suresh Wadkar / Hemlata / Ravindra Jain / Arvinder Singh / Sushil
पार्श्व गायक - सुरेश वाडकर / हेमलता / रविंद्र जैन / अरविन्दर सिंह / सुशील
Editor - Girish Daada / Moreshwar / R. Mishra / Sahdev
संपादक - गिरीश दादा / मोरेश्वर / आर॰ मिश्रा / सहदेव

Cast / पात्र
Sarvadaman D. Banerjee
सर्वदमन डी. बनर्जी

In association with Divo - our YouTube Partner

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