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Ramayan

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157万 回視聴 ・ 10571いいね ・ 2024/12/28

"Uttar Ramayan - Episode 36 - Luvkush narrates Valmiki's Ramayana in Ram Darbar.

लवकुश अयोध्या की हर गली हर चौक में घूमते हैं और सीता पर हुए अत्याचार की कथा गाकर सुनाते हैं। वह प्रजा से तीखा प्रश्न पूछते हैं कि तुमने जनकनन्दिनी पर झूठे लाँछन लगाकर कभी यह जाना है कि वो किस हाल में है। लवकुश अपने शब्दों से जनता के अन्तर्मन को झकझोरते हैं। अयोध्या में धीरे धीरे यह जनमत बनने लगता है कि महारानी सीता के साथ अच्छा नहीं हुआ है। सीता की कथा सुनकर अयोध्या में आँसुओें का सैलाब उमड़ पड़ता है। एक दूत राजमहल में राम को जानकारी देता है कि दो ऋषिकुमार नगर में घूम घूमकर महारानी सीता की कथा गा रहे हैं जिससे सुनकर हर कोई रोने लगता है। दूत कहता है कि अयोध्या में यह मत बनने लगा है कि महारानी सीता को महल में वापस लाया जाये। तभी राम के कानों में भी लवकुश के स्वर पड़ते हैं। लवकुश गाते हैं कि जिस देवी ने रावण की सोने की लंका ठुकरा दी थी, उस पर तुमने शंका क्यों की? राम दोनों बालकों को महल में बुलवाते हैं। पिता को सम्मुख पाकर लवकुश भावुक होते हैं। उनकी आँखों से आसू बह निकलते हैं। किन्तु गुरुदेव की आज्ञानुसार वह राम को अपना वास्तविक परिचय नहीं देते। राम स्नेहवश उन्हें अपने कलेजे से लगा लेते हैं। कुश राम को बताते हैं कि गुरुदेव वाल्मीकि ने उनके जीवन चरित्र पर रामायण नामक महाकाव्य लिखा है। राम उनसे प्रतिदिन सभागृह में रामायण का पाठ करने को कहते हैं। माता गौतमी यह सूचना सीता को देती हैं। वह लज्जित भी होती हैं कि वह महारानी सीता को पहचान न पाने के कारण उनसे सेवा कराती रहीं। सीता उनसे महारानी की जगह पुत्री कहने का अनुरोध करती हैं। अगले दिन अयोध्या के सभागृह में लवकुश पहुँचते हैं। राजपरिवार का हर सदस्य लवकुश से सीता की कथा सुनने के लिये बेताब होता है। लवकुश को देखकर माता कौशल्या को ऐसा लगता है मानों उनका पुत्र राम एक बार फिर अपने बालरूप में आ गया हो। राम लवकुश का सम्मान करने के लिये उन्हें अंगवस्त्र भेंट करते हैं। कुश कहता है कि रामायण नामक महाकाव्य महर्षि वाल्मीकि ने नारद मुनि और भगवान ब्रह्मा के आदेश पर महाराज राम के जीवन चरित्र पर लिखा है। वह कहता है कि उनके गुरुदेव त्रिकालदर्शी हैं इसलिये उन्होंने भविष्य की बातें भी रामायण में लिख दी हैं किन्तु उन्हें केवल आज तक की कथा ही पढ़ाई है। भविष्य के बारे में गुरुदेव ने कुछ नहीं बताया है। लवकुश गुरुदेव और सरस्वती वन्दना के साथ रामायण का पाठ करते हैं। वह निरन्तर कई दिनों तक बालकाण्ड से लेकर लंका काण्ड का वर्णन करते हैं। लवकुश के सुमधुर स्वर में रामकथा सुनकर सभी भावविभोर होते हैं। किन्तु जैसे ही रामकथा में सीता परित्याग का वर्णन आता है, पूरी सभा में स्तब्धता छा जाती है।

उत्तर रामायण में लव कुश की कहानी को दर्शाया गया है। जिसमें माँ सीता को श्री राम त्याग देते हैं और माँ सीता महाऋषि वाल्मीकि के आश्रम में जाकर रहने लगती हैं। माँ सीता वहाँ लव कुश को जन्म देती हैं। लव कुश उसी आश्रम में बड़े होते हैं और गुरु वाल्मीकि से शिक्षा दीक्षा लेते हैं। कैसे लव कुश श्री राम और माँ सीता को मिलाते हैं देखे सम्पूर्ण उत्तर रामायण के सभी एपिसोड सिर्फ़ तिलक YouTube चैनल पर।

रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी।
इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है।

निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
संगीत - रविंद्र जैन
शीर्षक गीत - जयदेव
अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
संपादक - सुभाष सहगल
कैमरामैन - अजीत नाइक
प्रकाश - राम मडिक्कर
साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार

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