
shree Ram studio banera
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182 回視聴 ・ 1いいね ・ 2025/05/19
रामापीर की जाति क्या थी?
रामदेव जी ने भैरव नामक राक्षस का अंत किया था। इनके मंदिर में इनके पगल्ये पूजे जाते हैं। रामदेव जी के पुजारी मेघवाल जाति के होते है।
रामापीर के कितने भाई थे?
अगर दक्षिण की रामायण की मानें तो भगवान राम की एक बहन भी थीं, जो उनसे बड़ी थी। अब तक आप सिर्फ यही जानते आए हैं कि राम के तीन भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे, लेकिन राम की बहन के बारे में कम लोग ही जानते हैं।
रामापीर का पूरा नाम क्या है?
रामदेव ( रामदेव पीर, रामशा पीर (1352-1385 ई.; वि.स. 1409-1442) गुजरात, राजस्थान और मालवा, मध्य प्रदेश, भारत के एक हिंदू देवता हैं। वे पोखरण क्षेत्र के चौदहवीं सदी के राजपूत थे, जिनके बारे में कहा जाता था कि उनमें चमत्कारी शक्तियां थीं और उन्होंने अपना जीवन दलित और गरीब लोगों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था।
राम के असली भाई कौन थे?
भगवान राम के तीन भाई थे, जिनका नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न था. लेकिन इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि, श्रीराम जी की एक बहन भी थी, जिसका नाम शांता था और शांता सभी भाईयों में सबसे बड़ी थी. रामायण महाकाव्य में देवी शांता का जिक्र बहुत कम ही सुनने को मिलता है
रामदेव जी के वंशज कौन थे?
AI जवाब
बाबा रामदेव जी के वंशज तंवर वंश से हैं, जो कि तंवर राजपूतो का ही एक हिस्सा है। बाबा रामदेव जी को तंवर वंश के राजपूत शासक अजमाल जी के घर में जन्म हुआ था. बाबा रामदेव जी के वंशज वर्तमान में भी रामदेवरा और सादा में निवास करते हैं.
तंवर वंश के वंशज
राणीदान सिंह तंवर:
बाबा रामदेव जी के कुल की राव भाटों ने लखसिंह की ढाणी में शनिवार को कुल की वंशावली का वाचन किया.
राव पन्नेसिंह और भोम सिंह:
वंशावली वाचन के दौरान इन्होंने तंवर वंश के इतिहास के बारे में जानकारी दी.
अजमाल जी:
बाबा रामदेव जी के पिता.
गादीपति राव भोम सिंह जी तंवर:
बाबा रामदेव जी के 19वीं पीढ़ी के वंशज.
अन्य वंशज:
पन्ने सिंह, करन सिंह, आनंद सिंह, मानसिंह, मूलसिंह, खींवसिंह, देवीसिंह, अमरसिंह, जसवंत सिंह, भैरूसिंह, खेतसिंह, सांगसिंह, जसवंतसिंह भाटी, मांगू सिंह, दीपसिंह, खेतमल शर्मा, भूरसिंह, मदनसिंह, प्रेमसिंह तंवर, हिम्मतसिंह, नरपतसिंह जसोड़, आसुसिंह सहित अन्य.
भोम सिंह जी तंवर:
बाबा रामदेव जी के वंशज जो हरिपुरा धाम पहुंचे.
अन्य जानकारी
मेघवाल:
बाबा रामदेव जी के पुजारी मेघवाल जाति के होते हैं और उन्हें "रिखिया" कहा जाता है.
रामाधणी सेवा समिति:
हरिपुरा धाम में बाबा रामदेव जी के वंशज भोम सिंह तंवर को रामाधणी सेवा समिति द्वारा सम्मानित किया गया.
राव भाट:
तंवर वंश की वंशावली का वाचन राव भाटों द्वारा किया जाता है.
राव जोधा:
बाबा रामदेव जी के पूर्व मारवाड़ के इतिहास में उनका उल्लेख है.
हड़बूजी:
हड़बूजी बाबा रामदेव जी के मौसेरे भाई थे.
रामदेव पीर:
बाबा रामदेव जी को रामदेव पीर के नाम से भी जाना जाता है.
निष्कर्ष
बाबा रामदेव जी के वंशज तंवर वंश से हैं और उनके वर्तमान वंशज रामदेवरा और सादा में निवास करते हैं। इनकी वंशावली राव भाटों द्वारा वाचन की जाती है और उन्हें तंवर वंश के राजपूत शासक अजमाल जी के घर में जन्म हुआ था.
रामापीर की जाति क्या थी?
रामापीर के कितने भाई थे?
राजा राम की जाति क्या थी?
बाबा कौन सी जाति में आते हैं?
रामापीर का पूरा नाम क्या है?
राम के असली भाई कौन थे?
रामदेव जी के वंशज कौन थे?
क्या बाबा रामदेव जी मेघवाल थे?
रामदेव जी की मृत्यु कब हुई थी?
श्रीराम का पूरा नाम क्या है?
राम की बेटी का नाम क्या था?
इस्लाम में राम कौन है?
मृत्यु के समय राम की उम्र कितनी थी?
क्या बाबा रामदेव अंबानी की शादी में शामिल हुए थे?
रामदेवजी के मौसेरे भाई कौन थे?
क्या बाबा रामदेव अरबपति हैं?
यह रहा एक पारंपरिक शैली में लिखा गया भजन जो बणियों और बराणी रामा रुणिचा (रूणिचा रा रामा) की भक्ति भावनाओं को दर्शाता है:
रूणिचा रा रामा, मारी नैया हांके छै
सांवरिया सरकार, थारी माया साँची लागे छै।।
बणिया भजन गावे, दिल सूं रटण करे,
रूणिचा रा रामा, संकट हरण करे।।
थारो धाम निराळो, थारी जोत उजास,
थारे दरस सूं मिटे, मन री हर पीर खास।।
बराणी रामा म्हारो, राखो मेरो मान,
थारा नाम सूं बंध्यो, ई भजन रा प्राण।।
म्हेळा में घूमें थारा, चेलां रो गाज,
रूणिचा रा धणी, कर जोड़ी करूं राज।।
अगर आप इसे किसी खास धुन या राग में चाहते हैं या और शेर जोड़ने हैं तो बता सकते हैं।
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